हमें नहीं लिखना रेत पर तुम्हारा नाम
हमें नहीं रखना दिल में तुम्हारा अक्स
हमें नहीं बैठाना तुम्हे पलकों पर
हम हाथ की लकीरों में भी नहीं चाहते तुम्हे
कसम से! दुआओं में भी कभी नहीं माँगा तुम्हे
कोई रस्म नहीं निभाई इखलाक की
दूसरों से क्या...
खुद से भी जिक्र नहीं किया कभी तुम्हारा
अम्मी कहती हैं अच्छा करो तो अच्छा होता है
हम हाथ की लकीरों में भी नहीं चाहते तुम्हे
कसम से! दुआओं में भी कभी नहीं माँगा तुम्हे
कोई रस्म नहीं निभाई इखलाक की
दूसरों से क्या...
खुद से भी जिक्र नहीं किया कभी तुम्हारा
अम्मी कहती हैं अच्छा करो तो अच्छा होता है
इस बाइस अडचनों पे खड़े हो जाते हैं साथ में
अपना ही भला करते हैं हम दिमाग से करते हैं काम हम
दिल-विल में विश्वास नहीं करते
गोया बड़े शातिर, चालक और खुदगर्ज़ हैं हम
हमें मासूम समझने की गलती ना करना