एक मुद्दत से तमन्ना है सिगार पीने की
चिंताओं को धुंए के गुबार में उड़ा देने की
हुक्के की गुड-गुड से सियाह ख्यालों को स्वाहा कर..
रक्काशो पर रुपया लुटाने की
चिलम को मुह में दबा, गमो का मसनद बना
सारे रिवाजो को घुँघरू पहना, ठहका लगाने की
रम, बीअर व्हिस्की वाइन का कॉकटेल बना
जाम हाथ में पकड़ झूम जाने की
ऐसे में कोई फ़िल्मी धुन बज उठे,
कदम थिरक उठे
और हम गा दें फिर
" मैंने होठों से लगाई तो हंगामा हो गया"
ख्वाइशे भी अजीब होती है ना
आज मेरी कलम बेबाक मूड में है
तोड़ दी मर्यादाएं सारी
जात इंसान की होती है
ये तो बदजात निकली
खैर!
ख्यालों को यूँ बहा सुकूँ से हूँ
बेलगाम होने का सुख
तृप्त हुई मै
आज़ाद !
मै एक आज़ाद रूह हूँ
छिः यू हिप्पोक्रेटिक डबल स्टैण्डर्ड पीपल
तुम दुनिया से विलुप्त क्यों नहीं होते ?
चिंताओं को धुंए के गुबार में उड़ा देने की
हुक्के की गुड-गुड से सियाह ख्यालों को स्वाहा कर..
रक्काशो पर रुपया लुटाने की
चिलम को मुह में दबा, गमो का मसनद बना
सारे रिवाजो को घुँघरू पहना, ठहका लगाने की
रम, बीअर व्हिस्की वाइन का कॉकटेल बना
जाम हाथ में पकड़ झूम जाने की
ऐसे में कोई फ़िल्मी धुन बज उठे,
कदम थिरक उठे
और हम गा दें फिर
" मैंने होठों से लगाई तो हंगामा हो गया"
ख्वाइशे भी अजीब होती है ना
आज मेरी कलम बेबाक मूड में है
तोड़ दी मर्यादाएं सारी
जात इंसान की होती है
ये तो बदजात निकली
खैर!
ख्यालों को यूँ बहा सुकूँ से हूँ
बेलगाम होने का सुख
तृप्त हुई मै
आज़ाद !
मै एक आज़ाद रूह हूँ
छिः यू हिप्पोक्रेटिक डबल स्टैण्डर्ड पीपल
तुम दुनिया से विलुप्त क्यों नहीं होते ?